बृहस्पति (गुरु) खाना नंबर 3 (Jupiter in Third House) – Lal Kitab (लाल किताब) 1941
Episode – 03 | Astrologer Vijay Goel
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा तीसरा वीडियो है। इसमे मैंने “बृहस्पति खाना नंबर 3” (जब कुंडली के तीसरे घर मे बृहस्पति स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
खाना नंबर 3 पराक्रम, भाई को दिखाता है और यहा गुरु को गरजता शेर बोला गया है। ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा, भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिषियों और वैदिक (पाराशर) ज्योतिषियों के लिए भी उपयोगी हो सकती है।
कुंडली के तीसरे भाव में गुरु हो तो वह जातक को नीच स्वभाव का बना देता है। परंतु उसे सहोदर भ्राताओं का सुख भी प्राप्त होता है। तीसरे भाव का बृहस्पति जातक को समझदार और अमीर बनाता है, जातक अपने पूरे जीवन काल में सरकार से निरंतर आय प्राप्त करता रहता है।यदि बृहस्पति तीसरे भाव में किसी पापी ग्रह से पीडित है तो जातक अपने किसी करीबी के कारण बरबाद हो जाएगा और कर्जदार हो जाएगा। वीडियो के बारें मे अपनी प्रतिक्रिया से अवगत अवश्य कराएं। लाल किताब 1941 का विस्तृत वॉल्यूम PDF फॉर्मेट मे प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप्प पर संपर्क करें। http://www.vijaygoel.net