बृहस्पति (गुरु) खाना नंबर 4 (Jupiter in Fourth House) – Lal Kitab (लाल किताब) 1941
Episode – 04 | Astrologer Vijay Goel
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा चौथा वीडियो है। इसमे मैंने “बृहस्पति खाना नंबर 4” (जब कुंडली के चौथे घर मे बृहस्पति स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
खाना नंबर 4 परिवार, घर का सुख, सुख सुविधाओं से संबन्धित प्रभाव को बताता है। यहाँ गुरु को लाल किताब में सोना और बारिश बोला गया है। ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा, भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिषियों और वैदिक (पाराशर) ज्योतिषियों के लिए भी उपयोगी हो सकती है।
कुंडली के चौथे भाव में गुरु हो तो व्यक्ति लेखक, प्रवासी, योगी, आस्तिक, कामी, पर्यटनशील तथा विदेश प्रिय तथा महिलाओं के पीछे-पीछे घूमने वाला होता है। चौथा घर बृहस्पति के मित्र चंद्रमा का है। बृहस्पति इस घर में उच्च का होता है। इसलिए बृहस्पति यहां बहुत अच्छे परिणाम देता है और जातक को दूसरों के भाग्य भविष्य तय करने की शक्तियां प्रदान करता है। जातक पैसा, धन, और बहुत सम्पत्ति के साथ साथ सरकार की ओर से सम्मान का अधिकारी होता है. जातक को संकट के समय में दैवीय सहायता प्राप्त होगी. जैसे-जैसे उसकी उम्र बढती जाएगी जातक समृद्धि और धन में भी वृद्धि होगी। वीडियो के बारें मे अपनी प्रतिक्रिया से अवगत अवश्य कराएं। लाल किताब 1941 का विस्तृत वॉल्यूम PDF फॉर्मेट मे प्रपट करने के लिए व्हाट्सएप्प पर संपर्क करें। http://www.vijaygoel.net