बृहस्पति (गुरु) खाना नंबर 6 (Jupiter in Sixth House) – Lal Kitab (लाल किताब) 1941
Episode – 06 | Astrologer Vijay Goel
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा छठा वीडियो है। इसमे मैंने “बृहस्पति खाना नंबर 6” (जब कुंडली के छठा घर मे बृहस्पति स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
खाना नंबर 6 नौकरी चाकरी, पशु धन घर है और यहा गुरु को लाल किताब में मुफ्तखोर और पशु में मुर्गाबोला गया है । ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा, भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिषियों और वैदिक (पाराशर) ज्योतिषियों के लिए भी उपयोगी हो सकती है।
छठवा घर बुध का होता है और केतु का भी इस घर पर प्रभाव माना गया है। इसलिए यह घर बुध, बृहस्पति और केतु का संयुक्त प्रभाव देगा। यदि बृहस्पति शुभ होगा तो जातक पवित्र स्वभाव का होगा। उसे बिना मांगे जीवन में सब कुछ मिल जाएगा। बड़ों के नाम पर दान-दक्षिणा उसके लिए फायदेमंद होगा। यदि बृहस्पति छठवें घर में हो और केतु शुभ हो तो जातक स्वार्थी हो जाएगा। हालांकि, यदि केतु छठवें घर में अशुभ है और बुध भी हानिकर है तो जातक उम्र के 34 साल तक दुर्भाग्यशाली रहेगा। यहाँ स्थित बृहस्पति जातक पिता के अस्थमा रोग का कारण बनता है।
यदि जातक की कुंडली के छठे भाव में गुरु हो तो ऐसा जातक सदा रोगी बना रहता है। परंतु मुकदमें आदि में जीत हासिल करता है और सदा अपने शत्रुओं को मुंह के बल गिराने की क्षमता रखता है। छठवा घर बुध का होता है और केतु का भी इस घर पर प्रभाव माना गया है। इसलिए यह घर बुध, बृहस्पति और केतु का संयुक्त प्रभाव देगा। यदि बृहस्पति शुभ होगा तो जातक पवित्र स्वभाव का होगा। उसे बिना मांगे जीवन में सब कुछ मिल जाएगा। यदि बृहस्पति छठवें घर में हो और केतु शुभ हो तो जातक स्वार्थी हो जाएगा।
वीडियो के बारें मे अपनी प्रतिक्रिया से अवगत अवश्य कराएं। लाल किताब 1941 का विस्तृत वॉल्यूम PDF फॉर्मेट मे प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप्प पर संपर्क करें। http://www.vijaygoel.net/