बृहस्पति खाना नंबर 9 (Jupiter in Ninth House) – Lal Kitab (लाल किताब) 1941 – EP09 – Astro Vijay Goel
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा नौवाँ वीडियो है। इसमे मैंने “बृहस्पति खाना नंबर 9” (जब कुंडली के नौवें घर मे बृहस्पति स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
खाना नंबर 9 भाग्य का घर है और यहा गुरु को लाल किताब में किस्मत जगाने वाला, सुनहरी खानदान, मंदिर बोला गया है।
जन्मकुंडली का नौवां घर सर्वाधिक शुभ घरों में गिना जाता है | इस घर का अपना विशेष महत्व है | अक्सर हम राजयोग के बारे में बात करते हैं | हर व्यक्ति की कुंडली में राजयोग और दरिद्र योग मिल जायेंगे | हर योग की कुछ समय अवधि रहती है | दो तीन साल से लेकर पांच छह साल तक ही ये योग प्रभावशाली रहते हैं | नवम भाव से बनने वाला योग पूरे जीवन में प्रभाव कारी रहता है |
नौवां घर बृहस्पति से विशेष रूप से प्रभावित होता है। इसलिए इस भाव वाला जातक प्रसिद्ध है, अमीर और एक अमीर परिवार में पैदा होगा। जातक अपनी जुबान का पाक्का और दीर्घायु होगा, उसके बच्चे बडे अच्छे होंगे। यदि बृहस्पति नीच का हो तो जातक में उपरोक्त गुण नहीं होंगे और वह नास्तिक होगा। यदि बृहस्पति का शत्रु ग्रह पहले, पांचवें या चौथे भाव में हो तो बृहस्पति बुरे परिणाम देगा।
ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा, भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिषियों और वैदिक (पाराशर) ज्योतिषियों के लिए भी उपयोगी हो सकती है। वीडियो के बारें मे अपनी प्रतिक्रिया से अवगत अवश्य कराएं। लाल किताब 1941 का विस्तृत वॉल्यूम PDF फॉर्मेट मे प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप्प पर संपर्क करें।