शुक्र खाना नं 8 (लाल किताब 1941)
Venus in Eighth House (Lal Kitab)
EP44 – Astrologer Vijay Goel
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा चौवालीसवा वीडियो है। इसमे मैंने “शुक्र खाना नंबर 8” (जब कुंडली के आठवें घर मे शुक्र स्थित हो के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
अष्टम भाव आयु भाव है इस भाव को त्रिक भाव, पणफर भाव और बाधक भाव के नाम से जाना जाता है. आयु का निर्धारण करने के लिए इस भाव को विशेष महत्ता दी जाती है. इस भाव से जिन विषयों का विचार किया जाता है. उन विषयों में व्यक्ति को मिलने वाला अपमान, पदच्युति, शोक, ऋण, मृत्यु और इसके कारण है.
इस भाव से व्यक्ति के जीवन में आने वाली रुकावटें देखी जाती है. आयु भाव होने के कारण इस भाव से व्यक्ति के दीर्घायु और अल्पायु का विचार किया जाता है. आठवें भाव में शुक्र होने के कारण जातक देखने में सुंदर होंगे। जातक की आंखें बडी होंगी और जातक गर्वीले स्वभाव के होंगे। जातक अतिबली निडर और प्रसन्नचित्त हैं। जातक विद्वान, मनस्वी, धर्मात्मा और सदाचारी हो सकते हैं। जातक एक अच्छे ज्योतिषी भी हो सकते हैं। शारीरिक, आर्थिक अथवा स्त्री विषय सुखों में से कोई एक सुख जातक को पर्याप्त मात्रा में मिलता है।
ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा, भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिषियों और वैदिक (पाराशर) ज्योतिषियों के लिए भी उपयोगी हो सकती है। वीडियो के बारें मे अपनी प्रतिक्रिया से अवगत अवश्य कराएं।
लाल किताब 1941 का विस्तृत वॉल्यूम PDF फॉर्मेट मे प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप्प (+918003004666) पर संपर्क करें।