राहु की खराब दशा के लक्षण, प्रभाव और उपाय
Effects and Remedies of Malefic Rahu
इस लेख में हम बात करेंगे, कैसे खराब से खराब राहु को बेहतर काम कर सकते हैं। राहु अपने आप में कलयुग के राजा कहे गए हैं, और ज्योतिष शास्त्र में उनका बड़ा ही महत्व है। राहु के बारे में कहा जाता है। कि सामान्यत: राहु जिस राशि में बैठता है, उसका तथा उसके स्वामी का स्वभाव ग्रहण कर लेता है।
राहु को आलस्य का कारक माना गया है। उसके प्रभाव में अनिश्चितता भरी होती है। राहु के कुछ मुख्य प्रभावों में जुआ, विदेश गमन, गंदगी, राज्य, पश्चिम दिशा आदि हैं। रेंगने वाले जीव, जैसे सांप, नाक, गुप्तचर, श्वास की बीमारी, वायु संबंधी रोग, यह सब चीजें राहु के प्रभाव में आती हैं। इसके अलावा बीमारी का जल्दी पता न चल पाना, या कोई ऐसी बीमारी हो जाना, जिसका निर्धारन ही नहीं हो पा रहा हो, जांच में भी कुछ नहीं आ रहा हो, तो यह बीमारी निश्चित ही राहु के प्रभाव की वजह से होती है।
इसी के साथ राहु के शुभ प्रभाव होने पर बल, बुद्धि, समृद्धि, स्वास्थ्य, राजनीति में सफलता, अच्छा चरित्र, दीर्घायु आदि भी प्राप्त होता है। तो केसे जाने राहु अशुभ हैं? यदि अक्सर तनाव रहता है, तो इसका मतलब राहु खराब है। उसी के साथ बीच बीच में आर्थिक नुकसान होता रहता है? तो इसका भी मतलब राहु के अशुभ प्रभाव हैं। बात बात पर विवाद होता हो, गलतफहमी होती हो, आपसी तालमेल में कमी, गुस्सा, खराब वाणी, कठोर होना, बहुत अधिक अपशब्द बोलना, गाली गलौज करना, वाणी दोष होना, जीवन साथी के साथ हमेशा धोखा देना भी राहु के खराब होने की निशानी हैं। इन सब लक्षणो मेंसे है अगर आप में 40% से 50% भी लक्षण हैं तो समझ लीजिए आपकी कुंडली में राहु अशुभ है। आपको राहु को शांत करने की बहुत जरूरत है।
अब राहु को शांत करने के लिए क्या उपाय किए जाएं? यह भी मैं बताऊंगा। यह तो मैंने आपको समझा दिया की यदि राहु खराब है तो कैसे लक्षण होंगे। राहु की पीड़ा के निवारण के लिए रत्न धारण करना सर्वश्रेष्ठ उपाय होता है। लेकिन हर कोई तो कुंडली के अनुसार रत्न धारण कर नहीं पाता। अगर अशुभ राहु के प्रभाव से आपके रोग सही नहीं हो रहे है, या रोग का कारण पता नहीं चल पा रहा है, तो रुद्र सूक्त का पाठ करें। महामृत्युंजय का पाठ करें, इससे भी राहु शुभ फल देने लगता है।
नौकरी से संबंधित समस्या रहती है, तो कोयले का दान करें। अगर निम्न वर्ग आपकी सुनता नहीं है, या चोरी हो जाती है, तो सफाई कर्मचारी को कपड़े व अनाज का दान दे। शनिवार के दिन और मछलियों को रोटी खिलाएं, आटें की गोलियां बांटे, साथ ही ब्राह्मणों को, गरीबों को दान दे। उसी के साथ राहु की दशा में कई बार कुष्ठ रोग भी हो जाता है, अगर आपके साथ कुछ ऐसा होता है, तो गरीबों की कन्या का विवाह करवा दीजिए, कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल जाएगी। रात को सोते समय सिरहाने में जौ रखे और सुबह इनका दान कर दें। जिनको भी पढ़ाई में दिक्कत आती है, माता सरस्वती की पूजा करें और ॐ सरस्वती नमः, इस मंत्र का 108 बार जाप, लगातार 8 दिन करें। माता सरस्वती की कृपा बरसेगी। बुद्धि का विकास होगा, एकाग्रता बढ़ेगी। इसके अलावा, अगर राजनीति में सफल होना चाहते हैं, प्रसिद्धि पाना चाहते हैं, तो एक और महाउपाय है। तांबे के बर्तन मे गुड और गेंहू भर कर बहते हुए जल मे प्रवाहित करे। इस से राहु का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है, नाम, शोहरत, प्रसिद्धि बढ़ती हैं। राजनीति में लाभ मिलता है।
उसी के बाद अगर बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, तो माता सरस्वती के चरणों में 6 दिनों तक लगातार नीले रंग के फूल की माला बनाकर चढ़ाएं। इससे लाभ मिलेगा। राहु की स्थिति खराब है तो लहसुन, प्याज का प्रयोग न करे। भगवान शिव कवच का पाठ करने से भी राहु सही होता हैं।