सूर्य खाना नं. 12 (Sun in Twelfth House) – Lal Kitab (लाल किताब) 1941 – EP24 – Astrologer Vijay Goel
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा चौबीसवाँ वीडियो है। इसमे मैंने “सूर्य खाना नंबर 12” (जब कुंडली के बारहवें घर मे सूर्य स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
कुंडली के बारहवें घर को भारतीय वैदिक ज्योतिष में व्यय स्थान अथवा व्यय भाव कहा जाता है तथा कुंडली का यह घर मुख्य रुप से कुंडली धारक के द्वारा अपने जीवन काल में खर्च किए जाने वाले धन के बारे में बताता है। कुंडली के बारहवें घर पर शुभ या अशुभ ग्रहों के प्रभाव को देखकर यह भी पता चल सकता है कि कुंडली धारक का धन आम तौर पर किस प्रकार के कार्यों में खर्च होगा।
कुंडली का बारहवां घर कुंडली धारक की विदेश यात्राओं के बारे में भी बताता है तथा किसी दण्ड के फलस्वरूप मिलने वाला देश निकाला भी कुंडली के इसी घर से देखा जाता है। इससे कर्ज, नुकसान, परदेश गमन, संन्यास, अनैतिक आचरण, व्यसन, गुप्त शत्रु, शैय्या सुख, आत्महत्या, जेल यात्रा, मुकदमेबाजी का विचार किया जाता है। कुंडली के इस भाव से असहिष्णुता अर्थात एलर्जी, कमजोरी, नेत्र विकार, पोलियो, शरीर में रोगों के प्रति प्रतिरोध की क्षमता की कमी का भी विचार किया जाता है।
ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा, भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिषियों और वैदिक (पाराशर) ज्योतिषियों के लिए भी उपयोगी हो सकती है।
वीडियो के बारें मे अपनी प्रतिक्रिया से अवगत अवश्य कराएं। लाल किताब 1941 का विस्तृत वॉल्यूम PDF फॉर्मेट मे प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप्प (+918003004666) पर संपर्क करें। http://www.vijaygoel.net/