सूर्य खाना नंबर 9 (Sun in Ninth House) – Lal Kitab (लाल किताब) 1941 – EP21 – Astrologer Vijay Goel
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा इक्कीसवाँ वीडियो है। इसमे मैंने “सूर्य खाना नंबर 9” (जब कुंडली के नौवें घर मे सूर्य स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
जन्मकुंडली का नौवां घर सर्वाधिक शुभ घरों में गिना जाता है। इस घर का अपना विशेष महत्व है। नवम भाव किस्मत का है। यहाँ बैठे ग्रह आपके भाग्य को बहुत हद तक प्रभावित करते हैं। यदि यहाँ कोई भी ग्रह न हो तो भी यहाँ स्थित राशी के स्वामी को देखा जाता है। इस घर में जो ग्रह बैठा होता है या जो ग्रह इस घर को देखता है उसके अनुरूप व्यक्ति को भाग्य का सहयोग प्राप्त होता है। इस घर का स्वामी ग्रह जिस घर में बैठता है उससे भी भाग्य प्रभावित होता है। कुंडली का नौवां घर कुंडली धारक के पित्रों के साथ भी संबंधित होता है तथा इस घर से कुंडली धारक को अपने पित्रों से प्राप्त हुए अच्छे या बुरे कर्मफलों के बारे में भी पता चलता है।
कुंडली का नौवां घर कुंडली धारक की धार्मिक प्रवृत्तियों के बारे में भी बताता है तथा उसकी धार्मिक कार्यों को करने की रुचि एवम तीर्थ स्थानों की यात्राओं के बारे मे भी कुंडली के नौवें घर से पता चलता है।
ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा, भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिषियों और वैदिक (पाराशर) ज्योतिषियों के लिए भी उपयोगी हो सकती है।
वीडियो के बारें मे अपनी प्रतिक्रिया से अवगत अवश्य कराएं। लाल किताब 1941 का विस्तृत वॉल्यूम PDF फॉर्मेट मे प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप्प (+918003004666) पर संपर्क करें। http://www.vijaygoel.net/