दैनिक पंचांग में चौघड़िया देखने के महत्व और प्रभाव
Importance of Choghadiya in Daily Panchang
हर सप्ताह के दिन और रात मिलाकर 112 मुहूर्त होते हैं। हिन्दू धर्म की यह हमेशा से मान्यता रही है, कि किसी भी काम को करने से पहले शुभ महूर्त देखना होता है |
दिन का चौघड़िया- यह सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच का समय होता है। अमृत, शुभ, लाभ और चाल को शुभ चौघड़िया माना जाता है। अमृत को सर्वश्रेष्ठ चौघड़िया में से एक माना जाता है वहीँ चाल को भी अच्छे चौघड़िया के तौर पर देखा जाता है। दूसरी ओर, उदेव, रोग और काल को अशुभ मुहूर्त माना जाता है। किसी भी अच्छे कार्य को करते समय अशुभ चौघड़िया से बचना चाहिए। नीचे हमने आपके लिए दिन के चौघड़ियों का एक चार्ट पेश किया है, जिससे आपको समझने में और आसानी होगी।
रात का चौघड़िया- यह सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच का समय होता है। रात में कुल 8 चौघड़िया होते हैं। रात और दिन दोनों के चौघडिया एक समान परिणाम देते हैं। नीचे हमने आपके लिए रात के चौघड़ियों चार्ट पेश किया है, जिससे आपको समझने में और आसानी होगी।
भारतीय काल गणना के अनुसार प्रत्येक दिन के लिए अलग-अलग शुभ और अशुभ समय होते हैं। इन समय अवधियों की गणना ग्रह और नक्षत्रों की गति और प्रभाव पर आधारित होती है। पंचांग में इसे चौघड़िया का नाम दिया जाता है। इन मुहूर्त की गणना सूर्योदय के आधार पर की जातीzहै इसलिए हर स्थान का चौघड़िया भी बदल जाता है।
रोग, उद्वेग और काल ये तीनों जैसा कि नाम से ही महसूस होता है अशुभ माने जाते हैं। इस दौरान किया गया कार्य असफल होने की अधिक सम्भावना होती है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार सात प्रकार के चौघड़िया गिने गए हैं: अमृत, रोग, लाभ, शुभ, चर, काल, उद्वेग।
उद्वेग चौघड़िया:
सूर्य सम्मान का कारक होता है हालाँकि इसके प्रभाव को आमतौर पर अशुभ माना गया है इसीलिए इसे उद्वेग के रूप में चिह्नित किया जाता है। इस चौघड़िया में सरकारी कार्यों को किया जा सकता है। उद्वेग में जमीन से संबंधित काम तथा स्थायी कार्य करना चाहिए। शुभ में स्त्रियों को सिंगार आदि मांगलिक कार्य करें।लाभ में व्यापार नौकरी आदि कर्म करें। रोग में रोगियों को रोगमुक्त होने पर स्नान करना चाहिए ।
चर चौघड़िया:
चर चोगडिया शुक्र ग्रह के साथ जुड़ा हुआ है। हिंदू ज्योतिष शुक्र के प्रभाव को बहुत शुभ मानता है। तो, उसके प्रभाव के तहत समय, जिसे चर या चंचल के नाम से जाना जाता है, अक्सर शुभ कामों के लिए माना जाता है। शुक्र गति का ग्रह है, इसलिए, लोग यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय निर्धारित करने के लिए चर चोगडियाया देखते हैं।
लाभ चौघड़िया:
बुध के प्रभाव का एक चोगडिया समय है। बुध को एक फायदेमंद ग्रह माना जाता है, इस प्रकार इसके प्रभाव के तहत अवधि शुभ मानी जाती है। यह एक शुभ समय है लेकिन यह एक असाधारण फलदायी समय भी है, यदि कोई नई शिक्षा, नए कौशल हासिल करने या शिक्षा या पाठ्यक्रम शुरू करना चाहता है।
अमृत चौघड़िया:
अमृत चोगडिया चंद्रमा के प्रभाव का समय है। चंद्रमा हिंदू वैदिक ज्योतिष में एक लाभ ग्रह माना जाता है। इसलिए, अमृत चोगडिया को हिंदू ज्योतिष में एक बहुत शुभ समय माना जाता है। इसको सभी प्रकार के अवसरों या कार्यों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
काल चौघड़िया:
काल चोगडिया शनि ग्रह से जुड़ा हुआ है। हिंदू ज्योतिष में, शनि को एक अशुभ ग्रह माना जाता है और जो समय उसके प्रभाव में है वह काल चोगडिया के रूप में जाना जाता है। इस समय के दौरान कोई शुभ काम नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, अगर कोई ऐसा काम है जिसके परिणामस्वरूप धन का संचय होता है या उससे संबंधित होता है, तो यह इस समय के दौरान किया जा सकता है।
शुभ चौघड़िया:
बृहस्पति अत्यंत ही शुभ ग्रह है और यह लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसे शुभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। शुभ चौघड़िया को विशेष रूप से विवाह समारोह आयोजित करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
रोग चौघड़िया:
रोग चोगडिया मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ है। हिंदू वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मंगल ग्रह को लाभकारी ग्रह के रूप में नहीं माना जाता है। इस ग्रह में नकारात्मक ऊर्जा है, इस प्रकार, उसके प्रभाव के दौरान उस समय के दौरान कोई शुभ काम नहीं किया जाता है। रोग चोगडिया वह समय है जो मंगल के प्रभाव में है। हालांकि, यह एक ऐसा समय है जिसमे युद्ध के समय अक्सर अनुशंसा की जाती है या यदि कोई अपने दुश्मन को पराजित करना चाहता है।